नई दिल्ली, 4 जुलाई 2025:
भारत स्ट्रीट वेंडर फोरम 2025 का आज संविधान क्लब ऑफ इंडिया में दो दिवसीय गहन संवाद, सीखने और सामूहिक कार्ययोजना के बाद सफलतापूर्वक समापन हुआ। यह ऐतिहासिक कार्यक्रम देशभर के 100 से अधिक शहरों से आए स्ट्रीट वेंडर नेताओं को एक मंच पर लेकर आया, जहां जमीनी स्तर की आवाज़ों ने अपनी आजीविका और अधिकारों से जुड़ी नीतियों और रणनीतियों को आकार देने का अवसर पाया।
फोरम के दूसरे दिन अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर व्यापक चर्चा हुई, जिनमें देशव्यापी सर्वेक्षण (सर्वे COV), “पीएम स्वनिधि से समृद्धि तक” पहल के माध्यम से सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा को सशक्त करना, NASVI युवा के जरिए युवा स्ट्रीट वेंडर्स को जोड़ना, और बेहतर संगठन व सशक्तिकरण के लिए सहकारी मॉडल तैयार करना शामिल रहे।
पीएम स्वनिधि के निदेशक श्री राज कुमार ने सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा पर आयोजित सत्र में भाग लेकर स्ट्रीट वेंडर्स को सम्मानजनक आजीविका सुनिश्चित करने के सरकार के संकल्प को दोहराया।
इस फोरम में कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया। सेलिब्रिटी शेफ कुणाल कपूर ने भारत में विकसित हो रही स्ट्रीट फूड संस्कृति पर अपने विचार साझा किए, जबकि प्रसिद्ध अधिवक्ता श्री प्रशांत भूषण ने स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट के तहत विक्रेताओं के कानूनी अधिकारों और हकों पर जोर दिया। प्रसिद्ध भारतीय फ़ूड समीक्षक और इतिहासकार श्री पुष्पेश पंत ने स्ट्रीट फूड संस्कृति सत्र में उल्लेख किया कि ‘भारत में, भोजन का मतलब स्ट्रीट फूड है’। प्रत्येक पैनलिस्ट की भागीदारी ने इस मुद्दे को जबरदस्त महत्व और दृश्यता प्रदान की।
भारत स्ट्रीट वेंडर फोरम 2025 ने स्ट्रीट वेंडर्स के अधिकारों और आजीविका को मजबूत करने के लिए एक व्यापक रोडमैप पेश किया। प्रमुख सिफारिशों में स्ट्रीट वेंडर अधिनियम, 2014 में मौजूद खामियों को दूर करने के लिए कानूनी हस्तक्षेप करना, जहां शिकायत निवारण समितियां (GRC) काम नहीं कर रही हैं, वहां ऊपरी अपीलीय प्राधिकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करना, और एक समावेशी, निचले स्तर से नीति निर्माण की प्रक्रिया को बढ़ावा देना शामिल था। फोरम ने सत्ता के दुरुपयोग को उजागर करने के लिए सोशल मीडिया के विवेकपूर्ण उपयोग, स्ट्रीट फूड संस्कृति के सकारात्मक पहलुओं को रेखांकित करने और इंडक्शन कुकिंग जैसे व्यावहारिक उपायों से स्वच्छता को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया। वेंडर्स को अपने कानूनी अधिकार मजबूत करने के लिए पहचान पत्र, चालान, तस्वीरें और संचार से जुड़ी संपूर्ण दस्तावेज़ीकरण तैयार रखने की सलाह दी गई। इसके अतिरिक्त, वित्तीय साक्षरता और लगातार तीन वर्षों तक आयकर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता पर बल दिया गया, जिससे औपचारिक क्रेडिट तक पहुंच संभव हो सके। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का लाभ लेकर वेंडर्स को उद्यमियों में बदलने और ज़मीनी हकीकत पर आधारित नीतियां बनाने पर जोर दिया गया।
कार्यक्रम की उपलब्धियों पर टिप्पणी करते हुए *NASVI के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद सिंह* ने कहा: “यह फोरम इस बात का प्रमाण है कि जब स्ट्रीट वेंडर्स एकजुट होते हैं, तो वे बदलाव की अजेय ताकत बन जाते हैं। उनका साहस, जिजीविषा और विचार हमारे शहरों और अर्थव्यवस्था को बदल देंगे। अब वक्त आ गया है कि खानापूर्ति से आगे बढ़कर स्ट्रीट वेंडर्स को उद्यमी और राष्ट्र निर्माता के रूप में पहचाना जाए।”
भारत स्ट्रीट वेंडर फोरम 2025 केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक मील का पत्थर था—जहां सशक्त सुझाव, भविष्य की योजनाएं और ठोस संकल्प लिए गए ताकि देश के लाखों स्ट्रीट वेंडर्स के अधिकार, सम्मान और समृद्धि को सुनिश्चित किया जा सके। इस कार्यक्रम को ऑयल इंडिया लिमिटेड, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, गेल (इंडिया) लिमिटेड, ओएनजीसी जैसे सस्टेनेबल भागीदारों द्वारा प्रायोजित किया गया था और डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स द्वारा सपोर्ट किया गया था।