*नई दिल्ली, 11 जून 2025* — दिल्ली के स्ट्रीट वेंडर्स समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) ने दिल्ली नगर निगम (MCD) को एक पत्र जारी कर NASVI (नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्ट्रीट वेंडर्स ऑफ इंडिया) के राष्ट्रीय समन्वयक श्री अर्बिंद सिंह द्वारा दिनांक 29 मई 2025 को प्रस्तुत प्रतिवेदन पर त्वरित कार्रवाई करने और उसके अनुसार उत्तर देने का निर्देश दिया है।
इस प्रतिवेदन में दिल्ली भर में स्ट्रीट वेंडर्स की हो रही बेदखली और उत्पीड़न की गंभीर शिकायतें दर्ज की गई हैं। यह बताया गया है कि वैध *वेंडिंग सर्टिफिकेट (CoV)* रखने वाले वेंडर्स को “मोबाइल वेंडर” के रूप में गलत तरीके से वर्गीकृत कर, उनके अस्थायी स्टॉल्स को स्थायी ढांचे के रूप में बताकर हटाया जा रहा है, जिससे उनके जीवनयापन पर भारी असर पड़ रहा है।
NASVI की लगातार की गई पहल के फलस्वरूप, मंत्रालय ने इस मुद्दे को औपचारिक रूप से मान्यता दी है और प्रतिवेदन को एमसीडी को भेजते हुए *स्ट्रीट वेंडर्स (जीविका की सुरक्षा और स्ट्रीट वेंडिंग का विनियमन) अधिनियम, 2014* के अंतर्गत “उपयुक्त उपचारात्मक कार्रवाई” करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि एमसीडी जल्द से जल्द एक *कार्रवाई रिपोर्ट (ATR)* मंत्रालय को उपलब्ध कराए
**NASVI के राष्ट्रीय समन्वयक अर्बिंद सिंह ने कहा**, “हम एमसीडी से आग्रह करते हैं कि वह इन अवैध बेदखलियों को तुरंत रोके और स्ट्रीट वेंडर्स को कानून द्वारा प्राप्त सम्मान और सुरक्षा को बहाल करे।
हाल ही में NASVI ने दिल्ली के शहरी विकास मंत्री और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) सहित विभिन्न प्रमुख अधिकारियों से मुलाकात की थी और तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी। दिल्ली में 65,000 से अधिक वेंडर्स के पास वैध CoV है, ऐसे में यह निर्देश उनके लिए एक उम्मीद की किरण है जो शहर की असंगठित अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाते हैं।
